देहरादून। राज्य में एंट्री पाने के लिए टूरिस्ट्स न केवल अपनी जान से खेल रहे हैं, बल्कि, दूसरों की जान से भी खिलवाड़ कर रहे हैं। कुछ ऐसे ही मामले दून के आशारोड़ी चेक पोस्ट पर पकड़ में आए। बॉर्डर पर कई लोग फेक आरटीपीसीआर रिपोर्ट के साथ पकड़े गए। रिपोर्ट्स को एडिट करके बनाया गया था, टूरिस्ट्स रिपोर्ट की पीडीएफ फाइल मोबाइल में अपलोड कर सेकेंड कॉपी हाथ में लेकर बॉर्डर चेक पोस्ट्स पर एंट्री ले रहे थे। स्वास्थ्य विभाग ने खुद इस बात को स्वीकार किया है और प्रशासन अब ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने जा रहा है। रविवार को आशारोड़ी सीमा पर सैंपलिंग बूथ पर करीब 40 से अधिक ऐसी रिपोर्ट लैब संचालकों को मिली, जिनको एडिट कर पर्यटक साथ में लाए थे। पुलिस के रोकने और उसके बाद लैब संचालकों की ओर से आईसीएमआर की साइट पर बार कोड के जरिए जांचने व परखने के बाद पता चला कि जो रिपोर्ट पर्यटक साथ में लाए हैं, वह करीब चार माह पुरानी रिपोर्ट हैं। पर्यटकों ने इस रिपोर्ट को कंप्यूटराज्ड एडिट किया था। जिसके बाद रिपोर्ट को लैब की ओर से सीएमओ ऑफिस भेज दिया गया। अंदाजा लगाया जा सकता है कि ऐसी एडिटेड रिपोर्ट पकड़ में न आने से पहले कितने पर्यटकों से सीधे एंट्री पाई होगी। बहरहाल, अब पुलिस व प्रशासन ने आशारोड़ी पर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है और हर रिपोर्ट को आईएमएआर की साइट से मैच कराया जा रहा है। डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस अफसर डॉ. राजीव दीक्षित के अनुसार डिपार्टमेंट ने जिन लैब को एंटीजन व आरटीपीसीआर जांच की अनुमति दी है। उनकी बार कोडिंग जरूरी की है. जिससे रिपोर्ट के साथ कोई छेड़छाड़ न हो सके। मसूरी से आगे पर्यटक स्थल कैंप्टीफॉल में पर्यटकों की उमड़ी भीड़ के बाद अब शासन प्रशासन ने बार्डर एरियाज पर 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर रिपोर्ट जरूरी कर दी है।